बेखौफ रेत माफिया: 10 फीट नीचे जमीन में गाड़ दूंगा, क्या सिर्फ एक हैडलाइन है?
शिवराज की धमकी का असर माफियाओं पर खासकर रेत माफियाओं पर तो दिखाई नहीं दे रहा है।
Ashok Chaturvedi
बाबई में आयोजित किसान सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल ही में बाबई में आयोजित एक किसान सभा में यह कहते नजर आए थे कि आजकल मामा पूरे फाॅर्म में है और खतरनाक मूड में हैं। यहीं मंच से उन्होंने माफियाओं को चेताया था-सुन लो रे! मध्यप्रदेश छोड़ दो वरना 10 फीट नीचे जमीन में गाड़ दूंगा।
आमतौर पर शांत और संयत रहने वाले शिवराज के मुंह से निकले इन शब्दों को अधिकांश मीडिया हाउस ने अपनी हेडलाइन बनाया था। वास्तव में शिवराज की इस धमकी का असर माफियाओं पर खासकर रेत माफियाओं पर तो दिखाई नहीं दे रहा है।
प्रदेश में रेत माफिया कितने बेखौफ हैं? इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो दिन में दो बार कर रेत माफिया पुलिस पर हमला कर चुके हैं। वह भी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र में। पहले हमले में एक जवान और दूसरे में एक टीआई रेत माफिया का शिकार बने हैं।
पहला मामला दतिया जिले का है। यहां अवैध रेत खनन को रोके जाने पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान को गोली मार दी गई। गोली जवान के हाथ में लगी इसलिए उसकी जान बच गई। इसके तुरंत बाद ग्वालियर में भी रेत माफिया ने पुलिस पर हमला कर दिया। यहां टीआई सुधीर सिंह को पीटा गया और कुचलने का प्रयास किया गया। टीआई सुधीर सिंह ने नाले में कूदकर जान बचाई।
दो दिन में हुई इन दो घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि शिवराज की धमकी का माफियाओं पर कोई खौफ नहीं दिख रहा। केन, चंबल और नर्मदा किनारे से रेत का अवैध परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है। रेत माफियाओं के कारोबार में पुलिस की मिलीभगत के मामले भी सामने आ चुके हैं।
मध्यप्रदेश में 43 रेत खनन वाले जिले हैं। इनमें से 39 जिलों में रेत उत्खनन हो रहा है। बीते महीने ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेत के अवैध कारोबार को लेकर हाईलेवल मीटिंग भी ली थी। इसमें रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश दिए गए थे।
एसडीएम तहसीलदार को रौंदने तक का प्रयास
पुलिस पर रेत माफिया के हमले की एक घटना विजयपुर में भी सामने आई थी। यहां रेत माफिया के इशारे पर खनिज विभाग की टीम पर हमला हुआ था। हमले में खनिज इंस्पेक्टर और तीन कर्मचारी घायल हुए थे। इससे पहले एक अन्य वारदात में एसडीएम और तहसीलदार तक को ट्रेक्टर से रौंदने का प्रयास किया गया था।
शिवराज के इलाके में ही हवलदार पर चढ़ा दिया था ट्रेक्टर
नर्मदा किनारे भी रेत के अवैध उत्खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है। शिवराज के गृहक्षेत्र बुधनी में ही एक हवलदार धर्मेंद यादव पर रेत माफिया ने ट्रेक्टर चढ़ा दिया था। यह हमला सीहोर के रेहटी के थाने के अंतर्गत हुआ था।
डिप्टी रेंजर और युवा आईपीएस की चली गई थी जान मुरैना में साल 2018 में डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को चेकिंग के दौरान रेत से भरी ट्रेक्टर-ट्राली ने रौंद दिया था। जिसमें सूबेदार की जान चली गई थी। सूबेदार सिंह ने चंबल नदी से अवैध रेत ला रहे टैक्टर टाॅली को रोकने का प्रयास किया था। इसी जगह मार्च 2012 में युवा आईपीएस नरेंद्र नरेंद्र कुमार की जान भी रेत माफियाओं ने ले ली थी।