‘बातों-घोषणाओं से बदलाव आता तो अमेरिका से भी डेवलप होता MP’

मुरैना की घटना पर शिवराज सरकार की जमकर किरकिरी, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी जताया अफ़सोस-कसा तंज़

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कभी बेटे का शव कंधे पर लिए पिता तो कभी गर्भवती स्त्री को खटिया पर ले जाते लोग। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का सच सामने लाने वाली तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। अब मुरैना से कलेजा चीरने वाली आई तस्वीर ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कलई खोल दी है। मुरैना में दो साल के भाई के शव को लेकर बैठे आठ साल के मासूम की तस्वीर को लेकर भी शिवराज सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इस विषय पर ट्वीट कर कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद है। जब तक सरकार प्रशासन और अन्य व्यवस्थाएँ झूठे और बेईमानों के हाथ में रहेगी तब तक ऐसे दर्दनाक दृश्य और आज की सामाजिक सचाई हमको छोड़ेगी नहीं। यदि बातों और घोषणाओं से ज़िंदगी में परिवर्तन सम्भव था तो मप्र अमेरिका से ज़्यादा विकसित होता-

जब इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने भी प्रतिक्रिया देना मुनासिब नहीं समझा। वहीं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुरैना की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। जिला पंचायत सीईओ को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। सिविल सर्जन को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।

दूसरी ओर अपने दो साल के भाई के शव को लेकर बैठेआठ साल के गुलशन की पढाई का जिम्मा अब कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने उठाया है। तस्वीर सामने आने के बाद NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन की पहल पर मप्र NSUI के अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने पीड़ित परिवार से बात कर गुलशन की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी ली।

रविवार को एक मुरैना में आठ साल का मासूम का अपने भाई की लाश गोद में लिए तस्वीर वायरल हुई थी। मासूम को अपने भाई की लाश गोद में लेकर बैठे रहने का कारण यह था कि उसका पिता खाली जेब था और जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने एम्बुलेंस उपलब्ध कराने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे।

यह दर्दनाक त्रासदी अम्बाह निवासी पूजाराम जाटव के साथ हुई थी। उनके बेटे राजा की तबीयत दो दिन पहले खराब हो गई थी। हालत ज्यादा खराब होने के कारण अम्बाह के सरकारी अस्पताल से राजा को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। यहाँ से पूजाराम अपने 8 साल के बेटे गुलशन के साथ राजा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था।

मुरैना के जिला अस्पताल में इलाज के दौरान राजा की मौत हो गई थी। शव को अम्बाह ले जाने के लिए अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने हाथ खड़े कर दिए थे। यह कहा गया था कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है। पूजाराम के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह निजी एम्बुलेंस कर सके। तब पूजाराम शव को गुलशन की गोद में छोड़ कर पैसों इंतजाम करने चला गया।

पूजाराम जब तक एम्बुलेंस की तलाश करता रहा तब तक आठ वर्षीय गुलशन अपने दो साल के भाई की लाश को गोद में लिए बैठा रहा था। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस गुलशन को राजा के शव के साथ जिला अस्पताल ले आई थी। वहां जब पूजाराम भी आ गया तो पुलिस ने एम्बुलेंस से शव काे अम्बाह भिजवाया था।

वहीं इस शर्मनाक घटनाक्रम को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा था कि मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि आखिर क्यों मध्यप्रदेश में नियमित अंतराल पर एंबुलेंस ना मिलने के मामले सामने आते रहते हैं?

Exit mobile version