‘NRI राष्ट्रदूतों’ को ही नहीं मिला प्रवासी सम्मेलन में स्थान, सरकार को कोसा
सम्मेलन स्थल पर अव्यवस्थाओं के चलते कुछ प्रवासी भारतीय दिखे बेहद खफा
Ashok Chaturvedi
इंदौर (जोशहोश डेस्क) इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में जहाँ प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत बताया वहीं सम्मेलन स्थल पर अव्यवस्थाओं के चलते कुछ प्रवासी भारतीय बेहद खफा भी दिखे। इनकी नाराजगी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हैं।
बड़ी बात यह है कि कार्यक्रम को लेकर चली मैराथन तैयारियों के बाद भी आयोजन स्थल ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में कुछ अतिथि तक प्रवेश नहीं कर पाए। यहाँ तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कहना पड़ा कि माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।
प्रवासी सम्मलेन में जमैका से आये दल की भी नाराजगी सामने आई। दल में शामिल एक डेलीगेट्स का नाराजगी भरा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में जमैका के प्रतिनधि प्रशांत सिंह ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाते हुए कार्यक्रम को दयनीय बताया। वे कहते नज़र आये कि भारत सरकार 3,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं कर सकती तो ग्लोबल पॉवर कैसे बनेगी?
वहीं कार्यक्रम में अमेरिका से आईं डेलीगेट जूली जैन और उन साथ अन्य प्रवासियों ने भी कार्यक्रम को अपमानजनक बताया और कहा कि ये अतिथि देवो भवः की परम्परा का अपमान है। हम सभी रजिस्ट्रेशन के बाद ही यहाँ आये थे लेकिन अब हम को कार्यक्रम में प्रवेश तक नहीं मिला है। ये बेहद दुर्भाग्यजनक है-
वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सुबह 9.45 बजे हॉल फुल होने पर एंट्री बंद कर दी गई। हॉल की कैपेसिटी 2200 लोगों के बैठने की है लेकिन 3000 से ज्यादा लोग यहाँ पहुंए गए। कुछ NRI जबरदस्ती गेट खोलकर घुसे। उन्हें बड़े गेट पर फिर रोका गया। धक्कामुक्की में दो लोगों को हाथ में चोट आई है। स्पेन से आए जगदीश फोबयानी ने कहा, टाइम से पहले पहुंचने के बाद भी हमें अंदर नहीं जाने दिया गया। कह रहे हैं कि हॉल की कैपेसिटी फुल हो गई है। नाइजीरिया से आए देवेश कुमार मिश्रा ने कहा कि हम 8.30 बजे आ गए थे। अंदर जाने नहीं दिया गया। ऐसा रहा तो हम वापस चले जाएंगे। ब्रिलियंट कंवेशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में तय समय से डेढ़ घंटे पहले एंट्री रोक दी गई और कई NRI को रजिस्ट्रेशन हॉल में ही बैठाकर उनसे कहा गया कि वे स्क्रीन पर ही प्रोग्राम देखें। लंदन के डिप्टी मेयर (बिजनेस) राजेश अग्रवाल 9.45 पर आयोजन स्थल पर पहुंचे। अग्रवाल को भी आयोजन के मुख्य समारोह में जाने से रोक दिया। अग्रवाल करीब 15 मिनट तक अंदर जाने के लिए संघर्ष करते रहे।
दूसरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि करोड़ों प्रवासियों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते है, तो कई तस्वीरें आते है, तो वासुदेव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दूसरे देशों में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक-भारत, श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब हमारा विश्व आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रैंड एम्बेसडर कहता हूं।