भोपाल (जोशहोश डेस्क) आजादी के बाद हमारा देश कई चुनौतियों से घिरा था तब उन चुनौतियों से पार पाते हुए प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने देशवासियों के साथ मिलकर समर्थ भारत का निर्माण किया था लेकिन अब आजादी की लड़ाई में जिनका कोई नामो निशान नहीं है, वे आज देश को आजादी और राष्ट्रवाद की परिभाषा बताने निकले हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने संबोधन में यह बात कही।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए अपने संबोधन में देश को आजाद कराने से लेकर विकासशील भारत के निर्माण में कांग्रेस के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई और उसके बाद नए भारत के निर्माण में में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके हाथों से संवारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि देश में आजादी की लड़ाई में जिनका कोई नामो निशान नहीं है, भारत को राष्ट के रूप में संवारने में जिनका कोई योगदान नहीं है वे आज देश को आजादी और राष्ट्रवाद की परिभाषा बताने निकले हैं। भारत की आजादी की लड़ाई अनगिनत सेनानियों ने लड़ी है। आज का दिन उन महान सेनानियों को नमन करने का दिन है।
ब्रिटिश गुलामी से जब भारत आजाद हुआ तब देश अनेक चुनौतियों से घिरा था। सबसे बड़ी चुनौती देश को एकजुट रखने की थी। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तब इतनी विविधिता वाले देश को एक झंडे के नीचे लाकर खड़ा कर दिया। इन चुनौतियों के बीच पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश को विकास की राह पर ले जाना शुरू किया। बाबा साहब अंबेडकर ने समतामूलक समाज के लिए संविधान बनाया। गांधीवादी नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल ने छोटी बड़ी रियासतों को जोड़कर मजबूत भारत की नींव डाली। उस दौर में जवाहर लाल नेहरू ने बांध, एम्स,आईआईटी, भाभा परमाणु संस्थान और नवरत्न कंपनियों और कारखाने लगा भारत को विकासशील देश बनाया।
राजीव गांधी ने डाली 21 वी सदी के नए भारत की नींव
कमलनाथ ने कहा कि लाल बहादुर ने जय जवान जय किसान की अवधारणा को साकार कर देश को मजबूत किया। इंदिरा गांधी ने हरित क्राति और श्वेत क्रांति से देश को आत्मनिर्भर बनाया और बांग्लादेश का निर्माण कर विश्व का नक्शा बदल दिया। राजीव गांधी ने कम्प्यूटर क्रांति और आधुनिकता से भारत का परिचय कराया और 21 वी सदी के नए भारत की नींव डाली। वहीं पीवी नरसिम्हा राव ने उदारीकरण से भारत में नए आर्थिक युग का आगाज किया। डाॅक्टर मनमोहन सिंह ने उदारीकरण को नई ऊंचाई दी, उनके समय में मनरेगा, भोजन और शिक्षा के अधिकार मिले। किसानों की कर्जमाफी का ऐतिहासिक कार्य भी हुआ।
कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश में साल 2018 में आपने कांग्रेस की सरकार चुनी और मुझे सेवा का अवसर मिला। मैंने एक नया मध्यप्रदेश बनाने का सपना बुना था। उस सपने को साकार करने के लिए मैंने 27 लाख किसानों की कर्जमाफी की। हजारों गौ शालाएं बनवाई। 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी। शुद्ध के लिए युद्ध और माफिया मुक्त मध्यप्रदेश अभियान चलाया।
कमलनाथ ने कहा कि मेरी सरकार ने प्रदेश में निवेश का वातावरण तैयार किया और ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर कर 27 प्रतिशत तक किया और सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। पेंशन और कन्या विवाह की सहायता राशि बढ़ाई। रामवन गमन पथ, ओम सर्किट की योजना के साथ ओंकालेश्वर और महाकाल मंदिर में नया निर्माण प्रांरभ कराया। मेट्रो रेल परियोजना जैसे कई अन्य कई प्रदेश के हित में फैसले लिए।
अब देश में हो रहे सरकारों के सौदे
कमलनाथ ने आगे कहा कि मेरी सरकार के कार्यों से माफिया डर गए और चुनी गई सरकार को गिरा सौदेबाजी की सरकार बना ली। अब देश में सरकारों के सौदे हो रहे हैं और देश कई चुनौतियों से घिरा है। आज जैसी परिस्थितियां कभी नहीं रही। आज देश में हर वर्ग परेशान है। विकास के नाम पर देश में केवल जुबानें चलाई जा रही हैं और सरकार चलाने और जुबान चलाने में अंतर होता है।
कमलनाथ ने अपने संबोधन में कोरोना, आर्थिक हालात, मंहगाई, किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में फिर वैसे ही हालात हैं जैसे आजादी के समय थे। आज हमें महंगाई, बेरोजगारी, किसानों को सक्षम बनाने के साथ महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए लड़ना है।
उन्होंने कहा कि उस दौर में भी देशवासियों ने इन चुनौतियों से पार पाई थी। अब एक बार फिर उसी जज्बे के साथ देश को सही राह पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी ये संकल्प लें कि हम सच्चाई को पहचानेंगे, सच्चाई को अपनाएंगे और सच्चाई का ही साथ देंगे। हम मिलकर देश और मध्यप्रदेश की नई पहचान के सपने को साकार जरूर करेंगे।