आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से ‘सौतेली बहना’ सा व्यवहार कर रही शिवराज सरकार
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ की राज्यव्यापी हड़ताल जारी, शिवसेना के राज्य उपप्रमुख पप्पू तिवारी का MP सरकार पर आरोप
Ashok Chaturvedi
सागर (जोशहोश डेस्क) आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ की राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। हड़ताल के सातवे दिन गुरुवार को जिले के सभी परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के साथ हड़ताल पर बैठे। हड़ताल को कांग्रेस और शिवसेना का समर्थन भी मिल रहा है।
आंगनबाड़ी कार्य एवं सहायिका संघ की संभागीय अध्यक्ष लीला शर्मा ने कहा कि आंदोलनरत कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने एक स्वर में शासकीय कर्मचारियों की भांति वेतनमान दिए जाने की मांग की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 25 हजार और सहायिका को 22 हजार मानदेय दिया जाना चाहिए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ की मांगों के समर्थन में शिवसेना के राज्य उपप्रमुख पप्पू तिवारी भी धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं से सौतेली बहना का व्यवहार कर रहे है। जो आंगनबाडी कार्यकर्ता और सहायिकाएं प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचा रही है वो सात दिनों से हड़ताल पर बैठी है और प्रदेश सरकार व उनके मंत्रियों को इनकी कोई परवाह नहीं है।’
आंदोलन का समर्थन करने आए शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार पचौरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर सरकार इन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं करती तो कांग्रेस कार्यकर्ता भी सड़कों पर आकर प्रदेश सरकार का विरोध करेगी।
वहीं खुरई परियोजना अधिकारी विजय कोरी ने अपने संबोधन में कहा कि कहा कि महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिकाओं के कारण ही प्रदेश सरकार को भारत सरकार ने देश में प्रथम पुरुस्कार दिया है लेकिन हमारी मांगों पर उनकी चुप्पी समझ से परे है।
जैसीनगर परियोजना अधिकारी अरुण सिंह ने कहा कि महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने का कार्य हमारा विभाग करता है लेकिन उसमें पदस्थ संविदा कर्मियों को नियमित करने में सरकार मूक दर्शक है। परिसंघ के संभाग अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने प्रदेश सरकार को कर्मचारी विरोधी बताते हुए कहा कि जिस प्रदेश में महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए हड़ताल करना पड़े वह सरकार कैसे महिला हितैशी हो सकती है?
हड़ताल में राजवाई, डॉ राजकुमार, कमलेश तिवारी, सुपरवाइजर उर्मिला सरवैया, मीना गौतम, प्रेमवती आठिया, लीला चौधरी, पुष्पा चढार, अजहरी बेगम, किरण भार्गव, प्रतिभा राजपूत, शिवसेना जिला प्रमुख दीपक लोधी, विकास यादव, हेमराज आलू, विजय कुशवाहा, वर्षा लोधी, पुष्पा चौबे, ममता द्विवेदी, किरण तिवारी, सीमा पटैल, सरोज पटैल, दुर्गा, अंकिता बानो, लक्ष्मी सोनी, गुडडी अहिरवार, पार्वती शर्मा, संध्या तिवारी, चांदनी लोधी, कला, शिमला, सुनीता, माया, सुरभि, रश्मि, विनीता, बसंती, प्रतिमा, लक्ष्मी, राजश्री, भारती, चंदा, अंजू, दुर्गेश, चन्द्रवती, दुर्गा, संध्या, उषा सहित अनेक जिले भर की आंगनबाडी कार्यकर्ता/सहायिका सहित परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर शामिल थे।