मध्यप्रदेश में पानी बंटवारे को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके तहत उत्तर प्रदेश को रबी सीजन में 700 एमसीएम और खरीफ सीजन में 1000 एमसीएम पानी देने की बात की गई है।
Nimish Dubey
भोपाल (जोशहोश डेस्क) केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत यूपी और एमपी के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद जारी है। इस मामले में अब शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश को उतना ही पानी दिया जाएगा, जितना अनुबंध में तय हुआ था। उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बैठक के दौरान ही फोन पर बात की थी। शेखावत ने भरोसा भी जताया था कि पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों का शीर्ष नेतृत्व बैठक कर आपसी सहमति से हल निकालेगा और परियोजना का काम जल्द शुरू होगा। उसके बाद पहली बार केंद्रीय अधिकारियों का दल भोपाल आ रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार का यह है प्रस्ताव
मध्यप्रदेश में पानी बंटवारे को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके तहत उत्तर प्रदेश को रबी सीजन में 700 एमसीएम और खरीफ सीजन में 1000 एमसीएम पानी देने की बात की गई है। साल 2005 में दोनों राज्यों के बीच पानी का बंटवारा हो गया था। लेकिन बाद में उत्तर प्रदेश ने पानी की मांग बढ़ाकर विवाद बढ़ा दिया था। इसी वजह से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पीने और सिंचाई के पानी की समस्या भी हल नहीं हो पा रही है।
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश रबी सीजन के लिए 930 एमसीएम पानी मांग रहा है, जबकि मध्यप्रदेश 2005 में हुए अनुबंध की शर्तों के तहत 700 एमसीएम पानी ही देना चाहता है। पिछले महीने मुख्यमंत्री चौहान ने परियोजना की समीक्षा करते हुए साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश को उतना ही पानी दिया जाएगा, जितना 2005 में हुए अनुबंध की शर्तों के तहत तय हुआ था। उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बैठक के दौरान ही फोन पर बात की थी। शेखावत ने भरोसा भी जताया था कि पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों का शीर्ष नेतृत्व बैठक कर आपसी सहमति से हल निकालेगा और परियोजना का काम जल्द शुरू होगा।
प्रदेश में अब ज्यादा सिंचाई का लक्ष्य
पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल प्रदेश में दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा सिंचाई करने का लक्ष्य शिवराज सरकार ने तय किया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पाइप लाइन के जरिए किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराने के लक्ष्य पर काम करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। बीते साल 29 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई थी। इस साल 31 लाख हेक्टेयर में सिंचाई करने का लक्ष्य तय किया गया है।