प्रदेश के इन जिलों में कोरोना की भयानक स्थिति, नाइट कर्फ्यू- लॉकडाउन नहीं आ रहा काम
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 10.5 फीसदी पहुंच गई है। चार बडे़ शहरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।
Ayushi Jain
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 10.5 फीसदी पहुंच गई है। चार बडे़ शहरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 13 शहरों में संडे लॉकडाउन है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, रतलाम, खरगोन, उज्जैन, ग्वालियर, नरसिंहपुर, रीवा के साथ छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस रविवार को नीचम में भी एक दिन का संडे लॉकडाउन रहेगा। प्रदेश में बीते दिन 2777 मामले सामने आए, प्रदेश में अब तक 30 लाख मरीज़ संक्रमित हो चुके हैं।
संडे लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी फेल साबित हो रहे हैं। 24 घंटे में इंदौर में सबसे ज्यादा 708 और भोपाल में 502 केस सामने आए हैं। भोपाल में संक्रमण दर 20.08 फीसदी है। शुक्रवार को जबलपुर में भी 200 के पार मरीज मिले, जो 18 सितंबर 2020 के बाद ज्यादा हैं। ग्वालियर में 120 पॉजिटिव मिले हैं।
प्रदेश में जितने केस इस साल जनवरी और फरवरी मे मिलाकर नहीं आए, उससे ज्यादा मार्च में बढ़ गए। इन दोनों महीनों में 20 हजार से कम केस थे। मार्च में लगभग 34 हजार केस हो गए। अप्रैल माह के 2 दिन में ही 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।
भोपाल में लगातार दूसरे दिन 500 से ज्यादा (502) नए संक्रमित मिले। गुरुवार को 528 पॉजिटिव आए थे। यहां एक हफ्ते में संक्रमण दर करीब 9 फीसदी बढ़कर 20.08 फीसदी हो गई है। हर 100 कोरोना सैंपल में से 20 पॉजिटिव मिल रहे हैं।
इंदौर में कोरोना के मरीज सबसे ज्यादा मिल रहे हैं। शुक्रवार को 3867 सैंपल की जांच में 708 संक्रमित निकले। संक्रमण की दर 18.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। अप्रैल के दो दिन में ही 1390 संक्रमित शहर में मिल चुके हैं। इसके पहले सिर्फ अप्रैल-2020 में ही संक्रमण दर इतनी ज्यादा रही थी। इंदौर में 4 की मौत के साथ ही अब तक 969 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं। यहां 4867 एक्टिव केस हैं।
जबलपुर में भी शुक्रवार को कोरोना के मरीज 200 पार (205) मिले। फरवरी महीने के कुल 382 मरीज मिले थे, जबकि अप्रैल माह के दो दिन में 390 मरीज मिले हैं। यहां कोरोना के एक्टिव केस 1409 हो गए हैं।
मध्यप्रदेश में काेरोना के आंकड़े डराने वाले हैं। वैक्सीनेशन, नाइट कर्फ्यू सहित लगातार बरती जा रही सख्ती भी संक्रमण रोक नहीं पा रही है।