भोपाल (जोशहोश डेस्क) शराबबंदी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नया तर्क भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती के गले भी नहीं उतरा। उमा भारती ने शिवराज को बड़ा भाई बताते हुए शराबबंदी की अपनी मांग को लेकर बड़े सवाल उठाए। बड़ी बात यह है कि उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार के साथ शिवराज के व्यवहार पर भी उंगली उठा दी।
उमा भारती ने यहां तक कहा कि वे लगातार दो साल से हर मुलाकात पर शिवराज से शराबबंदी पर बात कर रही हैं और अब जबकि बात बाहर आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया? यह संभवतः पहली बार है जब उमा भारती ने सीएम शिवराज के व्यवहार पर सार्वजनिक रूप से उंगली उठाई है।
उमा भारती ने सोमवार को एक साथ 11 ट्वीट किये और शराब बंदी को लेकर सीएम शिवराज के व्यवहार के साथ उनके तर्क से भी असहमति दिखाई। साथ ही शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार को सुझाव भी दिए।
उमा भारती ने लिखा-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय मेरे बड़े भाई श्री शिवराज सिंह चौहान जी से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज जी ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे। मैंने शिवराज जी से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं। श्री शिवराज सिंह जी ने परसों कहा है कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है, यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है।
उमा भारती ने सरकार को शराबबंदी के लिए रूप रेखा भी बताई। उन्होंने लिखा कि अभी हमें शुरुआत यहां से करना चाहिए –
- अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें।
- स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों।
- घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके।
- जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें वहां दुकाने ना खोली जाएं, इन्हीं ने तो हमारी सरकार बनाई है।
- पहले इतना कर लें, फिर जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होर्डिंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं।
- फिर जागरूकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के साधु संत,सामाजिक संस्थाएं तथा मेरे एवं शिवराज जी की तरह सभी दलों के नेता शामिल हों।
गौरतलब है कि शनिवार को सीएम शिवराज ने नसरूल्लागंज की आम सभा में कहा था कि अगर समाज नशा न करने का संकल्प ले तो सरकार शराब की दुकानों को बंद भी कर सकती है। शिवराज ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि अगर समाज को तैयार किए बिना शराबबंदी की जाए तो इससे शराब का अवैध कारोबार बढ़ता है जो और भी खतरनाक साबित होता है।
इससे पहले शराबबंदी की लम्बे समय से मांग कर रही उमा भारती ने प्रदेश में एक अप्रैल से लागू नई शराब नीति पर दो टूक कहा था कि प्रदेश सरकार महिलाओं की इज्जत और बेटों की जानपर खेलकर शराब से राजस्व कमा रही है जिस पर उन्हें शर्मिंदगी है। उमा भारती भोपाल की एक शराब दुकान पर पत्थर मार कर शराबबंदी की अपनी मांग भी बुलंद कर चुकी हैं। उमा भारती की यह प्रतिक्रिया नेशनल मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चित हुई थी। उमा भारती की इस प्रतिक्रिया पर उनकी आलोचना भी हुई थी। कहा तो यह भी गया था कि उमा भारती को भाजपा और संघ की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था।